जिन्नातों का नाम सुनते ही बड़े बड़े साधक डर जाते हैं! आज जिस साधना के बारे में मैं बात कर रहा हूँ वो साधना जिन्नातों की माँ माई भागो जिन्न्नी की है! माई भागो जिन्नी को जिन्नातों की माँ कहा जाता है! यह बड़े काम की साधना है सिद्ध होने के बाद आप माई भागो जिन्नी से कोई भी अच्छा बुरा काम करवा सकते है,यह बहुत आज्ञाकारी होती है! एक बार की बात है एक आदमी को जिन्न की कसर थी,वह लगभग १० साल से बीमार था जबकि डॉक्टरों का कहना था वो बिलकुल ठीक है बीमारी का कुछ पता नहीं चल रहा था! उस आदमी पर सवारी आती थी,जिस कारण घर के सभी लोग परेशान थे! उन्होंने तांत्रिकों से इलाज़ करवाना शुरू कर दिया जो तांत्रिक इलाज के लिए आता वो जिन्न उसकी पिटाई कर देता या तांत्रिक बीमार पड़ जाता या फिर उसके पशु आदि मर जाते,एक तांत्रिक के बेटे का एक्सिडेंट हो गया था और उसकी बहू को भी कसर होने लगी थी! जब मुझे इस बात का पता चला तो मैं घबरा गया पर उनके मेरे एक मित्र के साथ बहुत अच्छे सम्बन्ध थे, अपने मित्र के जिद करने पर मैं मान गया! जब मैं वहां पहुंचा तो उस आदमी पर सवारी आ गयी, मैंने सिद्ध रक्खा राम जी को याद किया और माई भागो जिन्नी का मन्त्र जप कर कह दिया कि इस आदमी पर जो खेल रहा है उसे यहाँ से ले जा और आज के बाद इस आदमी पर उसका पहरा नहीं होना चाहिए, बस थोड़ी देर बाद खेल बंद हो गयी और आज लगभग तीन साल बाद भी वो आदमी तंदरुस्त है और उसे कभी वैसा अनुभव भी नहीं हुआ! सिद्ध रक्खा राम जी का कहना था कि माई भागो जिन्नी किसी भी जिन्न को आसानी से काबू कर सकती है क्योंकि उनका स्थान जिन्नातों कि माँ का है पर एक बात का ध्यान रखें जब भी उनसे कोई काम करवाएं तो उनका प्रसाद देना न भूलें!
साधना विधि :-
यह मन्त्र आपको सवा दो घंटे जपना है,रात्रि १० वजे से सवा १२ वजे तक मन्त्र जप से पहले अपने आसन
यह मन्त्र आपको सवा दो घंटे जपना है,रात्रि १० वजे से सवा १२ वजे तक मन्त्र जप से पहले अपने आसन
के चारोँ तरफ गोला खींचे,फिर आसन जाप करे और गुरु पूजन के बाद गुरु मन्त्र का जप करें,फिर गणेश पूजन करें और फिर शिव मन्त्र जप कर शिव से आज्ञा लें अपने आगे एक देसी घी का दीपक जला लें और एक साफ़ थाली में आग जला लें आग गोबर के कंडे से जलाएं लकड़ी का प्रयोग न करें और अच्छी तरह सुलगा हुआ कंडा थाली में रखे और उसपर घी डालकर आग लगा दे! लोभान,गूगल,पञ्च मेवा और गाय का घी मिलाकार सामग्री पहले ही तयार कर के रख लें,अब मन्त्र जपते जाये और आग में आहुति देते जायें! इसमें माला कि कोई जरुरत नहीं येही क्रिया आपको ४१ दिन करनी है,यदि कुछ अनुभव हो तो किसी से न कहे और कुछ डरावना दिखे तो घबराएं नहीं यह सिद्धि कि निशानी है! किसी भी हालत में गोले से बहार न आये! हररोज अपने पास पांच लौंग पांच इलाइची और एक छोटी मछली रख ले! एक पानी का लोटा भी रखे दुसरे दिन सारी सामग्री नदी में वहा दे और पानी किसी पेड़ कि जड़ में ड़ाल दे!
मन्त्र:-
वाडो मनेयारी सिर फूलां दी खारी
वाडो मनेयारी सिर फूलां दी खारी
पंज लैचिया पंजे लौंग भेंट तुमारी
लहु पीते नाती,जा चढ़ मेरे दुश्मन कि छाती
देखूं माई भागो जिन्न्नी तेरी काती
जब भी कोई काम ले तो येही सारी सामग्री पानी में वहा दे, और भागो जिन्नी के नाम से हलवा बाँट दे!
जय सदगुरुदेव जी
2 comments
kya aap siddi sadana karvate hai...aap se milne ke liye,aap se sadana sik kar siddi praptkar ne ka marg batayiye.
Sir Ji,
Bahut dhanyawaad. Kya yeh sadhana se main apne upar suraksha kavach bhi bana sakti hoon ki koi jinn chadhe hi nahi?
CommentComment