एक कथा के अनुसार जब देवताओ और दानवो ने समुद्र मंथन किया और अमृत निकला तो उनमे युद्ध हो गया! भगवान विष्णु ने तब मोहिनी अवतार लिया और एक बहुत सुंदर कन्या के रूप में प्रकट हुए!उन्हें देखकर देव दानव सभी उनपर मोहित हो गए!मोहिनी ने अपनी चतुराई से देवताओ को अमृत पिला दिया पर बेचारे दानव अमृत से वंचित रह गए!जिस समय यह सारी लीला भगवान विष्णु ने की उस समय भगवन शिव ने विष का घड़ा पिया था और वो उस विष को पीकर राम मन्त्र का जप कर रहे थे!भगवान शिव जब ध्यान से जागे तो उनके मन में भगवान विष्णु के मोहिनी रूप को देखने की इच्छा हुई!भगवान विष्णु ने कहा हे शिव
आप तो महायोगी है सुंदर कन्या का दर्शन आप क्यों करना चाहते है?भगवान शिव ने कहा मैंने आपके सभी अवतारों के दर्शन किये है इस अवतार के भी दर्शन करने की इच्छा है!यह सुनकर भगवान विष्णु ने कहा हे शिव आपका योग भंग न हो जाये शिव ने कहा जो मर्जी हो जाये मुझे आपके मोहिनी अवतार के दर्शन करने है!भगवान विष्णु वहां से अंतर्ध्यान हो गए और कुछ समय बाद एक बहुत ही सुंदर कन्या शिव को नज़र आई!उस कन्या में गज़ब का आकर्षण था शिव उन्हें देखने के लिए उनके निकट गए तो वो पत्तो के पीछे छिप गयी!शिव उन्हें खोजने लगे तभी वो दोबारा शिव को नज़र आई और शिव ने उन्हें करीब से देखा और उनके रूप पर मोहित हो गए!भगवान शिव को देखकर वो कन्या भागने लगी जब भगवान शिव ने उसे अपने से दूर जाते देखा तो उसे पकड़ने के लिए उनके पीछे भागे इतनी सुंदर कन्या शिव ने पहले कभी नहीं देखी थी!भगवान शिव ने जैसे ही उन्हें स्पर्श किया वो अंतर्ध्यान हो गयी!
आप तो महायोगी है सुंदर कन्या का दर्शन आप क्यों करना चाहते है?भगवान शिव ने कहा मैंने आपके सभी अवतारों के दर्शन किये है इस अवतार के भी दर्शन करने की इच्छा है!यह सुनकर भगवान विष्णु ने कहा हे शिव आपका योग भंग न हो जाये शिव ने कहा जो मर्जी हो जाये मुझे आपके मोहिनी अवतार के दर्शन करने है!भगवान विष्णु वहां से अंतर्ध्यान हो गए और कुछ समय बाद एक बहुत ही सुंदर कन्या शिव को नज़र आई!उस कन्या में गज़ब का आकर्षण था शिव उन्हें देखने के लिए उनके निकट गए तो वो पत्तो के पीछे छिप गयी!शिव उन्हें खोजने लगे तभी वो दोबारा शिव को नज़र आई और शिव ने उन्हें करीब से देखा और उनके रूप पर मोहित हो गए!भगवान शिव को देखकर वो कन्या भागने लगी जब भगवान शिव ने उसे अपने से दूर जाते देखा तो उसे पकड़ने के लिए उनके पीछे भागे इतनी सुंदर कन्या शिव ने पहले कभी नहीं देखी थी!भगवान शिव ने जैसे ही उन्हें स्पर्श किया वो अंतर्ध्यान हो गयी!
मोहिनी तो चली गयी पर भगवान शिव उनके ध्यान से बाहर न आ पाए और भगवान शिव का वीर्यपात हो गया! उनके वीर्य को पारद कहा गया और उनके वीर्य से भगवान आय्य्पा का जन्म हुआ!भगवान आय्य्पा की माता मोहिनी और पिता भगवान शिव है इसलिए उन्हें हरिहर पुत्र आय्य्पा कहा जाता है!इनकी पूजा दक्षिण भारत में अधिक होती है! जो फल शिव और विष्णु की पूजा से मिलता है वो फल भगवान आय्य्पा की पूजा से मिलता है!आज के समय में धन एक बहुत बड़ी समस्या है पर भगवान आय्य्पा के पूजन से धन लाभ मिलता है और आय के नए रास्ते खुलते है! धन लाभ में चाहे कोई भी समस्या हो ग्रह दोष हो या किसी द्वारा कोई किया गया तंत्र प्रयोग हो या व्यपार में बार बार घाटा पड़ रहा हो समस्या कोई भी हो इन सभी समस्याओ को भगवान आय्य्पा की कृपा से दूर किया जा सकता है!केवल धन लाभ ही नहीं इस साधना से आपकी अनेको मनोकामनाए पूर्ण हो सकती है!यह साधना बहुत शीघ्र प्रभाव देती है!
इस साधना से आपमें मोहिनी के गुण आ जायेगे और आप दुसरो को आकर्षित कर लेगे!इस साधना के सभी गुणों का वर्णन करना संभव नहीं यह साधना अद्भुत है!
साधना मन्त्र::-
स्वामी शरणम् आय्य्पा!
साधना विधि::-
आप एक आम की लकड़ी का पट्टा बनाये उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाए उस पर तीन ढेरिया चावल की लगाये और प्रत्येक ढेरी पर एक एक सुपारी रखे और बीच वाली ढेरी को भगवान आय्य्पा माने और दाहिनी ढेरी को भगवान शिव और बाए तरफ की ढेरी को विष्णु मानले!पूर्व की तरफ मुख कर बैठ जाये और आपके कपडे लाल होने चाहिए आसन भी लाल होना चाहिए!तीनो ढेरियो के सामने घी का दीपक जलाये और सबसे पहले गुरु पूजन करे और गुरुमंत्र जपे फिर गणेश पूजनकरे फिर भैरव पूजन करे फिर भगवान शिव का पूजन करे और भगवान विष्णु का पूजन करे और तीनो ढेरियो पर दो दो लौंगऔर कपूर रख दे!तीनो ढेरियो को दो दो बतासे का भोग लगाये!अब भगवान आय्य्पा से प्रार्थना करे कि मै 31 दिन तक प्रतिदिन51 माला आपके इस मन्त्र की जपूंगा कृपा कर आप मेरी धन सम्बन्धी सभी समस्याए दूर करे!आपको इस मन्त्र की 31 दिन प्रतिदिन 51 माला जपनी है!साधना समाप्त होने पर आप सारी सामग्री लाल कपडे में बांध कर चलते पानी में बहादे!इस साधना में आप रुद्राक्ष या स्फटिक की माला इस्तेमाल कर सकते है!
एक बात मै यहाँ स्पष्ट रूप से लिखना चाहता हूँ!मै यह साधना पोस्ट नहीं करना चाहता था क्योंकि बस कुछ लोग पोस्ट को लाइक करके छोड़ देते है साधना तो कोई करता भी नहीं तो इतनी अच्छी साधना पोस्ट करने से क्या लाभ!मुझे झूठे कमेन्ट्सनहीं चाहिए और न ही झूठी प्रशंसा आप सब लोगो के बार बार कहने पर विशेष तौर पर संतोष निखिल गुप्ता के कहने पर यह साधना पोस्ट करदी अब देखना यह है आपमें से कितने लोग इस साधना को करते है!जिस प्रकार आप लोग हमसे अच्छी साधनाओ की उम्मीद रखते है उसी तरह हम लोग भी आपसे उम्मीद रखते है!इस साधना पर मुझे इतना विश्वास है कि इस साधना कि गारंटी मै कोरे कागज़ पर दस्तखत कर देने को भी तयार हूँ बाकी सबका अपना अपना विश्वास है!
3 comments
Koi gorakhnath Ji Ki sadana h to please post kr dijiye
Guru ji apki sadhnaya bhut achi rhti h ab aap muslim sadhna jain sadhna aur yakshini sadhna bhi dala aur apna guru ji ka gyaan ko hum sab logo tak pahuchaya
gurudev ye sadhna kis din se shuru kar skte hai
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