Thursday, 20 October 2016

चिंतामणि लक्ष्मी साधना

जीवन में धन का स्थान कोई नहीं नकार सकता और धन के अभाव में आज के समय में जीवन 
मृत्यु से भी बुरा है!ज्योतिष के आधार पर देखा जाये तो दूसरा भाव धन से सम्बन्ध रखता है और
एकादश भाव लाभ का होता है!जिनका दूसरा और एकादश भाव या इन भावों का मालिक मजबूत 
स्तिथि में बैठा होता है तो व्यक्ति को धन की कोई कमी नहीं होती पर कई बार ऐसी जन्म कुंडली 
वाले जातक भी दुखी होते है क्योंकि उन पर किसी

प्रकार का बुरा प्रयोग हो जाता है या किसी द्वारा 
करवा दिया जाता है!ऐसे में ज्योतिष तो कहता है कि आप धनवान होंगे पर आप पैसे पैसे के लिए मुहताज होते है!इसके फलस्वरूप आपका विश्वास ज्योतिष से उठ जाता है!हमारे समाज में एक से एक ऐसे तांत्रिक भरे पड़े है जो पैसा लेकर किसी का भी बुरा कर देते है और ऐसे ही तांत्रिक कई बार 
धन के लालच में किसी के भी घर कि लक्ष्मी बांध देते है!जिसके फलस्वरूप धन कब आता है कब चला जाता है पता ही नहीं चलता सारी मेहनत की कमाई बीमारी के इलाज में लग जाती है!आज इसी समस्या के समाधान के लिए चिंतामणि लक्ष्मी साधना प्रस्तुत है!इस साधना को संम्पन करने के बाद आपको जीवन में कभी धन की कमी नहीं होगी!आपकी मदन के स्त्रोत खुल जायेगे और आपके व्यपार आदि में हो रहे घाटे लाभ में बदल जायेगे!यह साधना अपने आप में एक अनोखी साधना है!जो धन सम्बन्धी चिंता समाप्त ही करदे उसे चिंतामणि कहते है!

साधना मन्त्र::::-
ह्रीं श्रीम भगवती चिंतामणि सर्वार्थसिद्धिम देहि देहि स्वाहा!

                                                                 
 
                                                      
                  
                                               
                        
                                                      
                  
                                                                  


साधना विधि ::-
किसी शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन इस यन्त्र को रोली से कागज़ पर बनाये और विधि 
से एक पीला कपडा बिछाकर स्थापित करे घी का दीपक जलाये और सबसे पहले गुरु पूजन फिर गणेश 
पूजन फिर माँ लक्ष्मी और विष्णु जी का पूजन करे और प्राथना करे हे लक्ष्मी नारायण मेरी धन सम्बन्धी 
सभी समस्यों का नाश कीजिये मै आपकी शरण में हूँ मेरी रक्षा कीजिये और ३१ माला इस मन्त्र की जपे!
यह जप आपको सुबह और शाम दोनों समय करना है अंतिम दिन १००८ आहुति साधारण हवन सामग्री में 
कमलगट्टे और पञ्च मेवा मिलाकर दे!यह २१ दिन की साधना है अंतिम दिन सभी सामग्री को बहते पानी 
में वहादे!गुरुकृपा से आपकी सभी समस्याओ का नाश हो जाये ऐसी मेरी कामना है!
जय सदगुरुदेव!

1 comments so far

Guru ji bhut achi sadhna hai apsa mara niwadan hai ki ho ska to email ya mob ka threw mughsa connect riya kyuki sadhna mugha krni hai aur apka margdarshan chahiya. sachinpalfps@gmail.com


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