आज के युग में पैसा ही प्रमुख है भले ही पैसा कमाने के लिए व्यक्ति को कोई घटिया काम करना पड़े! आज के समय के ज्योतिष और पंडित भी ऐसे ही है,कुछ लोग तो पैसा लेकर काम कर देते है!जो लोग
पैसा लेकर काम कर देते है ऐसे लोगो को दिया हुआ धन कभी दुःख नहीं देता पर कुछ लोग तो ऐसे है जिन्हें ज्योतिष का ज्ञान भी नहीं है और न ही किसी से ज्योतिष सीखे है बस दो चार ज्योतिष की किताबे
पढ़ ली और बन गए ज्योतिष जबकि शास्त्रों में साफ़ साफ़ लिखा है गुरु के बिना ज्ञान हो ही नहीं सकता!गुरु ग्रन्थ साहिब में भी लिखा है ""गुरु बिन ज्ञान हराम है पूछे वेद कुरान"" बिना गुरु के जो ज्ञान मिलता है वो हराम की कमाई के समान है!थोड़े दिन पहले की बात है हिमाचल प्रदेश से किसी का फ़ोन आया और कहने लगा रवि भाई इस बात में कोई शक नहीं है कि आपके गुरुदेव ने आपको श्रेष्ठ ज्ञान दिया है पर आप ज्योतिष पर इतने आसान उपाय मत बताये कि ज्योतिष चलाने वालो को समस्या आये!मैंने कहा भाई मै तो जनकल्याण के लिए लिख रहा हूँ!उन्होंने कहा भाई लोग हमसे भी ऐसे ही उपाय मांगते है यदि आप लिखना नहीं छोड़ सकते तो मै आपको अपने ग्रुप से निकाल दूंगा!मैंने कहा ग्रुप में रहने से कौनसा मुझे पैन्शन लग जाएगी जब मर्जी निकाल दो!भाई यह कहानी आप लोगो की सहानूभूति लेने के लिए नहीं लिखी है इसलिए लिखी है ताकि आपको ज्ञान हो जाये कि ज्यादातर लोग फेसबुक पर अपना व्यापर चला रहे है पर मै उनमे से नहीं हूँ!एक बार मेरे गुरुदेव ने मुझसे कहा तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो!मैंने कहा गुरुदेव जो आप कहे उन्होंने कहा मुझे यदि गुरु मानते हो तो उस ब्राह्मन कि तरह ज्ञानी बनो जो बिना भेद भाव के ज्ञान बांटता है! उस योद्धा की तरह बनो जो धर्म के लिए मरने को तयार रहता है!वैश्य की तरह बनो जिस प्रकार वैश्य धन जुटाने में लगा रहता है!उसी प्रकार तुम पुण्य जुटाने में लगे रहो!एक शुद्र की तरह सबकी सेवा के लिए तयार रहो!
राजा जनक की तरह सबको एक सामान समझो!मेरे गुरुदेव की बताई एक एक बात मुझे याद है और मै फेसबुक के माध्यम से प्रचार नहीं केवल और केवल सेवा करना चाहता हूँ!मेरी लड़ाई वैदिक ज्योतिष या ज्योतिष की किसी पद्दति से नहीं है!मेरी लड़ाई उन पाखंडी पंडितो से है जो ज्योतिष के नाम पर दूकान चला रहे है और ज्योतिष जैसी महान विद्या को बदनाम कर रहे है!मुझे भी कसम है मेरे गुरुदेव की लोगो को ज्योतिष का इतना ज्ञान दूंगा के लोग इन पाखंडियो को देखते ही पहचान लेंगे!ग्रहण दोष ज्योतिष का ऐसा दोष है जिसका नाम लेकर पंडित किसी से भी हजारो रुपये लूट लेते है!मै आपको ग्रहण का एक सरल उपाय बताता हूँ पर पहले
आप लोग यह जान ले कि ग्रहण दोष होता क्या है!यदि सूर्य या चंद्रमा राहू या केतु के साथ आ जाये तो उसे ग्रहण योग कहा जाता है!इसके इलावा यदि लगन में राहू आ जाये तो भी सूर्य ग्रहण बन जाता है!यदि लगन में राहू आ जाये तो सूर्य कहीं पर भी बैठा हो शुभ फल नहीं देगा!पर ज्योतिष का एक नियम है यदि किसी ग्रह के सामने उसका शत्रु बैठ जाये तो वो ग्रह ना बुरा फल देता है ना अच्छा!इसी प्रकार ज्योतिष में गुप्त राजयोग होता है!यह राजयोग कुंडली देखने पर नज़र नहीं आता पर व्यक्ति की कुंडली में राजयोग होता है!उदहारण के लिए कुछ लोग आई.ऐ .एस नहीं होते पर आई.ऐ .एस उनके पास पढने आते है!इसी प्रकार यदि सूर्य और शनि जन्म कुंडली में आमने सामने हो और लग्न में राहू आ जाये तो गुप्त राजयोग का निर्माण हो जाता है!ऐसी कुंडली में लग्न में बैठा हुआ राहू शुभ फल देता है और उस व्यक्ति के शत्रुओ का नाश कर देता है!ऐसे व्यक्ति की राजनीतिक पहुच बहुत ज्यादा होती है और वे अपने मित्रो के सहयोग से बड़े से बड़े काम बड़ी आसानी से कर लेता है!पर ऐसी कुंडली में भी लग्न में बैठा हुआ राहू ग्रहण योग का निर्माण करता है!ग्रहण दोष दो प्रकार के होते है सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण!सूर्य ग्रहण का उपाय उस समय किया जाता है जब सूर्य ग्रहण का मध्य काल हो और चन्द्र ग्रहण का उपाय चन्द्र ग्रहण में किया जाता है!यहाँ मै सूर्य ग्रहण का उपाय बता रहा हूँ जो आप सूर्य ग्रहण के मध्य काल में कर सकते है!इस उपाय से राहू चन्द्र के घर में चला जाता है और शांत हो जाता है और पिता के सुख और मान सम्मान में वृद्धि करता है!सरकार की तरफ से लाभ मिलता है और सूर्य का शुभ फल प्राप्त होता है!
पैसा लेकर काम कर देते है ऐसे लोगो को दिया हुआ धन कभी दुःख नहीं देता पर कुछ लोग तो ऐसे है जिन्हें ज्योतिष का ज्ञान भी नहीं है और न ही किसी से ज्योतिष सीखे है बस दो चार ज्योतिष की किताबे
पढ़ ली और बन गए ज्योतिष जबकि शास्त्रों में साफ़ साफ़ लिखा है गुरु के बिना ज्ञान हो ही नहीं सकता!गुरु ग्रन्थ साहिब में भी लिखा है ""गुरु बिन ज्ञान हराम है पूछे वेद कुरान"" बिना गुरु के जो ज्ञान मिलता है वो हराम की कमाई के समान है!थोड़े दिन पहले की बात है हिमाचल प्रदेश से किसी का फ़ोन आया और कहने लगा रवि भाई इस बात में कोई शक नहीं है कि आपके गुरुदेव ने आपको श्रेष्ठ ज्ञान दिया है पर आप ज्योतिष पर इतने आसान उपाय मत बताये कि ज्योतिष चलाने वालो को समस्या आये!मैंने कहा भाई मै तो जनकल्याण के लिए लिख रहा हूँ!उन्होंने कहा भाई लोग हमसे भी ऐसे ही उपाय मांगते है यदि आप लिखना नहीं छोड़ सकते तो मै आपको अपने ग्रुप से निकाल दूंगा!मैंने कहा ग्रुप में रहने से कौनसा मुझे पैन्शन लग जाएगी जब मर्जी निकाल दो!भाई यह कहानी आप लोगो की सहानूभूति लेने के लिए नहीं लिखी है इसलिए लिखी है ताकि आपको ज्ञान हो जाये कि ज्यादातर लोग फेसबुक पर अपना व्यापर चला रहे है पर मै उनमे से नहीं हूँ!एक बार मेरे गुरुदेव ने मुझसे कहा तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो!मैंने कहा गुरुदेव जो आप कहे उन्होंने कहा मुझे यदि गुरु मानते हो तो उस ब्राह्मन कि तरह ज्ञानी बनो जो बिना भेद भाव के ज्ञान बांटता है! उस योद्धा की तरह बनो जो धर्म के लिए मरने को तयार रहता है!वैश्य की तरह बनो जिस प्रकार वैश्य धन जुटाने में लगा रहता है!उसी प्रकार तुम पुण्य जुटाने में लगे रहो!एक शुद्र की तरह सबकी सेवा के लिए तयार रहो!
राजा जनक की तरह सबको एक सामान समझो!मेरे गुरुदेव की बताई एक एक बात मुझे याद है और मै फेसबुक के माध्यम से प्रचार नहीं केवल और केवल सेवा करना चाहता हूँ!मेरी लड़ाई वैदिक ज्योतिष या ज्योतिष की किसी पद्दति से नहीं है!मेरी लड़ाई उन पाखंडी पंडितो से है जो ज्योतिष के नाम पर दूकान चला रहे है और ज्योतिष जैसी महान विद्या को बदनाम कर रहे है!मुझे भी कसम है मेरे गुरुदेव की लोगो को ज्योतिष का इतना ज्ञान दूंगा के लोग इन पाखंडियो को देखते ही पहचान लेंगे!ग्रहण दोष ज्योतिष का ऐसा दोष है जिसका नाम लेकर पंडित किसी से भी हजारो रुपये लूट लेते है!मै आपको ग्रहण का एक सरल उपाय बताता हूँ पर पहले
आप लोग यह जान ले कि ग्रहण दोष होता क्या है!यदि सूर्य या चंद्रमा राहू या केतु के साथ आ जाये तो उसे ग्रहण योग कहा जाता है!इसके इलावा यदि लगन में राहू आ जाये तो भी सूर्य ग्रहण बन जाता है!यदि लगन में राहू आ जाये तो सूर्य कहीं पर भी बैठा हो शुभ फल नहीं देगा!पर ज्योतिष का एक नियम है यदि किसी ग्रह के सामने उसका शत्रु बैठ जाये तो वो ग्रह ना बुरा फल देता है ना अच्छा!इसी प्रकार ज्योतिष में गुप्त राजयोग होता है!यह राजयोग कुंडली देखने पर नज़र नहीं आता पर व्यक्ति की कुंडली में राजयोग होता है!उदहारण के लिए कुछ लोग आई.ऐ .एस नहीं होते पर आई.ऐ .एस उनके पास पढने आते है!इसी प्रकार यदि सूर्य और शनि जन्म कुंडली में आमने सामने हो और लग्न में राहू आ जाये तो गुप्त राजयोग का निर्माण हो जाता है!ऐसी कुंडली में लग्न में बैठा हुआ राहू शुभ फल देता है और उस व्यक्ति के शत्रुओ का नाश कर देता है!ऐसे व्यक्ति की राजनीतिक पहुच बहुत ज्यादा होती है और वे अपने मित्रो के सहयोग से बड़े से बड़े काम बड़ी आसानी से कर लेता है!पर ऐसी कुंडली में भी लग्न में बैठा हुआ राहू ग्रहण योग का निर्माण करता है!ग्रहण दोष दो प्रकार के होते है सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण!सूर्य ग्रहण का उपाय उस समय किया जाता है जब सूर्य ग्रहण का मध्य काल हो और चन्द्र ग्रहण का उपाय चन्द्र ग्रहण में किया जाता है!यहाँ मै सूर्य ग्रहण का उपाय बता रहा हूँ जो आप सूर्य ग्रहण के मध्य काल में कर सकते है!इस उपाय से राहू चन्द्र के घर में चला जाता है और शांत हो जाता है और पिता के सुख और मान सम्मान में वृद्धि करता है!सरकार की तरफ से लाभ मिलता है और सूर्य का शुभ फल प्राप्त होता है!
1.यदि लग्न में राहू हो या लग्न में सूर्य और राहू एक साथ बैठे हो तो 100 ग्राम बादाम गिरी और एक सुखा नारीयल
बहते पानी में बहाए!
2.यदि दुसरे भाव में सूर्य और राहू एक साथ बैठे हो तो 200 ग्राम बादाम और दो सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
3.यदि तीसरे भाव में सूर्य और राहू एक साथ बैठे हो तो 300 ग्राम बादाम गिरी और तीन सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
4.यदि चौथे भाव में सूर्य और राहू एक साथ बैठे हो तो 400 ग्राम बादाम गिरी और चार सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
5.यदि पांचवे घर में सूर्य और राहू एक साथ बैठे हो तो 500 ग्राम बादाम गिरी और पांच सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
6.यदि छटे भाव में सूर्य और राहू एक साथ बैठे हो तो 600 ग्राम बादाम गिरी और ६ सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
7.यदि सातवे भाव में सूर्य और राहू एक साथ बैठे हो तो 700 ग्राम बादाम गिरी और ७ सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
8.यदि आठवे भाव में राहू और सूर्य एक साथ बैठे हो तो 800 ग्राम बादाम गिरी और ८ सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
9.यदि नौवे भाव में सूर्य और राहू एक साथ हो तो 900 ग्राम बादाम गिरी और ९ सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
10.यदि दशवे घर में सूर्य और राहू एक साथ हो तो 1 किलो बादाम गिरी और १० सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
11.यदि एकादश भाव में सूर्य और राहू एक साथ हो तो 1100 ग्राम बादाम गिरी और ११ सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
12.यदि द्वादश भाव में सूर्य और राहू एक साथ हो तो 1200 ग्राम बादाम गिरी और १२ सूखे नारीयल बहते पानी में बहाए!
यह सभी उपाय सूर्य ग्रहण के मध्य काल में करे!ऐसा करने से सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव जन्म कुंडली में समाप्त हो जायेगा!
इस उपाय को करते हुए एक ध्यान रखे भूलकर भी सूर्य को ना देखे और साबुत बादाम ना ले केवल बादाम की गिरी इस्तेमाल
करे और पानी बहता हुआ होना चाहिए!
जय सदगुरुदेव!
1 comments so far
Agar ketu aur Surya saath Mein ho tab bhi yahi upaay karne hain????
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