आज जिस संत के विषय में मै बात कर रहा हूँ, उनके विषय में बात करना छोटा मुह बड़ी बात होगी! इन संत की महिमा तो माँ सरस्वती भी नहीं गा सकती क्योंकि इन संत के स्मरण मात्र से बड़े बड़े विघनों का नाश हो जाता है! देवीगर जी का नाम किसी अमृत से कम नहीं मैंने इस नाम के सहारे पापीयों को तरते हुए देखा है! इनका जन्म लगभग २०० साल पहले पंजाब के जिला लुधिआना की तहसील समराला के गाँव खैराँ में श्री भोपा सिंह के घर में हुआ! आपके पिताजी धन दौलत से संम्पन थे और अरब देशों में मसालों का कारोवार करते थे!
उनसे इर्षा रखते थे, बात उस समय की है जब पंजाब का क़स्बा माछिवाडा पीरां पूरी के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहाँ पर बहुत से पीर रहते थे! उन्होंने जब देवीगर जी के बारे में सुना तो देवीगर जी को छोटा-मोटा तांत्रिक समझकर उन्हें मारने के लिए चुड़ैल को भेजा, जब चुड़ैल बाबा देवीगर जी के पास पहुची तो बाबा देवीगर जी टोबे ( ऐसा तालाब यहाँ गाँव का गन्दा पानी इकठा होता है ) के किनारे बैठे थे! जब चुड़ैल उनके पास आई तो चुड़ैल को देखकर आसपास के सभी लोग डर गए पर देवीगर जी बिलकुल नहीं घबराये और उन्होंने उस चुड़ैल को बालों से पकड़ कर तालाब में घुस गए और बहुत मारा जब चुड़ैल माफ़ी मांगने लगी तो उन्होंने उस चुड़ैल को छोड़ दिया! जब उन मुस्लिम फकीरों को इस बारे में पता चला तो वो खुद चलकर उनकी परीक्षा लेने आये!मुस्लिम फकीरों को देखकर देवीगर जी जान गए कि मेरी परीक्षा लेने आये है! उन्होंने आसमान कि तरफ इशारा किया तो आसमान में उडती हुई चिड़िया आसमान में ही रुक गयी, देवीगर जी कि करामात से उस चिड़िया का दिल देवीगर जी की हथेली पर आ गया! जब देवीगर जी ने दोबारा इशारा किया तो चिड़िया उड़ गयी ये देखकर मुस्लिम फकीरों ने कहा ये तो दूसरा फरीद ( बाबा फरीद ) है और अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगी, दयामूर्ति देवीगर जी ने उन्हें माफ़ कर दिया! देवीगर जी इस स्थान को छोड़ कर चले गए क्योंकि उनका मानना था कि संसारी मनुष्यों में रहकर प्रभु सिमरन नहीं हो सकता! वे छुप कर रहते और किसी को अपना भेद नहीं बताते! एक बार वे गाँव बुढ़ेवाल जिला लुधिआना में बैठे थे तो एक चरवाहा बकरियां चरा रहा था तभी वहां बहुत से भेडिये आ गए! यह देखकर चरवाहा भाग गया और उसने भागते हुए कहा, हे देवीगर बाबा अगर मेरी सारी बकरियां जिन्दा बच गयी तो मै एक बकरी आपको चढ़ा दूंगा! जब कुछ समय बाद वे कुछ और लोगों को लेकर वापस आया तो सभी बकरियां पूरी थी और भेडिये वापस जा चुके थे! उस चरवाहे ने कहा ये देवीगर जी की करामात है! वह जगह जगह देवीगर जी को खोजने लगा पर देवीगर जी कहीं नहीं मिले, हररोज वे प्रार्थना करता देवीगर जी दर्शन दो, एक दिन वे बकरियां चरवा रहा था, एक आदमी फटे पुराने कपडे पहने उसके पास आया और कहने लगा मुझे मेरी बकरी दे दो! उस आदमी ने देवीगर जी को पहचान लिया और कहा आप कोई भी बकरी ले लो! देवीगर जी ने कहा बकरी काटो और मेरे लिए भोजन तयार करो, उन्होंने बकरी का मास बनाकर देवीगर जी के आगे रख दिया! देवीगर जी मास खाकर हड्डियाँ फेकते जाते और हर हड्डी से एक और बकरी पैदा हो जाती! ये देखकर सभी चरवाहे देवीगर जी के पास बकरियां लेकर आने लगे पर देवीगर जी ने उसी समय वो स्थान छोड़ दिया! इसी प्रकार देवीगर जी के पास एक आदमी मुर्गा लेकर आया तो उन्होंने उस मुर्गे को खा लिया और उसकी हड्डियों से अनेक मुर्गे पैदा कर दिए! इसी प्रकार भ्रमण करते हुए जब देवीगर जी अपने गाँव पहुचे तो लोगो की भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ी! एक आदमी जिसका नाम वीरू था वो बहुत बड़ा बदमाश था, उसने जब बाबा देवीगर जी का यश सुना तो उसके मन में देवीगर जी के दर्शनों की इच्छा जागी पर देवीगर जी के पास जाने से डरता था इसलिए दूर से ही हररोज उनके दर्शन कर के लौट जाता था! देवीगर जी के पास लोगो की भीड़ लगी रहती! देवीगर जी लोगों को गालीयाँ देते पर लोग फिर भी उनके पास बैठे रहते! एक दिन देवीगर जी लोगों से तंग आकर पास के गंदे तालाब में घुस गए और कहने लगे, अब आओ कौन आता है मेरे पास कोई उनके पास नहीं गया पर वीरू बदमाश हाथ जोड़कर उनके पास चला गया! यह देखकर देवीगर जी खुश हो गए और उन्होंने कहा तेरे वंश का कभी नाश नहीं होगा और तेरे ऊपर सरकार की विशेष कृपा होगी! वीरू पर अंग्रेजी सरकार ने जितने मुक़दमे चला रक्खे थे, सभी मुक़दमे वीरू के पक्ष में हो गए! आज वीरू के वंशज जिला लुधिआना में रहते है और सभी सरकारी नौकरी पर है! लोग देवीगर जी के पास जाकर कहते आप हमे अपना शिष्य बना ले पर देवीगर जी ने किसी को अपना शिष्य नहीं बनाया और कहा जो भी मेरा गुणगान करेगा उसे दुःख के सिवा कुछ नहीं मिलेगा! यह सुनकर देवीगर जी के वंशजों ने कहा कि आपके होते हुए हम किसी और की शरण में क्यों जाये आप ही हमारा उद्धार कीजिये! उनकी प्रेम भरी
जगद्गुरु शंकराचार्य जी ने बोध धर्म से सनातन धर्म की रक्षा के लिए चार धामों की स्थापना की और इसी
प्रकार उन्होंने बहुत से सम्प्रदायों की भी स्थापना की जिनमे चार संप्रदाय गिरी, पूरी , सरस्वती और भारती
देवीगर जी ने बाल्यकाल से ही इश्वर में मन लगा लिया और छोटी आयु में ही गिरी संप्रदाय से जुड़ गए! देवीगर जी सदेव गंदे स्थान में रहते और जो भी उनके पास जाता उन्हें गालीया देते, वे जिसे भी गाली देते उसकी किस्मत चमक जाती, वे एक घूमकड़ साधू थे!उनके बारे में बहुत सी कथाएं प्रचलित है! देवीगर जी के मुह से निकला हुआ बचन कभी झूठा नहीं जाता था!उनकी प्रसिद्धि को देख कर बहुत से संतउनसे इर्षा रखते थे, बात उस समय की है जब पंजाब का क़स्बा माछिवाडा पीरां पूरी के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहाँ पर बहुत से पीर रहते थे! उन्होंने जब देवीगर जी के बारे में सुना तो देवीगर जी को छोटा-मोटा तांत्रिक समझकर उन्हें मारने के लिए चुड़ैल को भेजा, जब चुड़ैल बाबा देवीगर जी के पास पहुची तो बाबा देवीगर जी टोबे ( ऐसा तालाब यहाँ गाँव का गन्दा पानी इकठा होता है ) के किनारे बैठे थे! जब चुड़ैल उनके पास आई तो चुड़ैल को देखकर आसपास के सभी लोग डर गए पर देवीगर जी बिलकुल नहीं घबराये और उन्होंने उस चुड़ैल को बालों से पकड़ कर तालाब में घुस गए और बहुत मारा जब चुड़ैल माफ़ी मांगने लगी तो उन्होंने उस चुड़ैल को छोड़ दिया! जब उन मुस्लिम फकीरों को इस बारे में पता चला तो वो खुद चलकर उनकी परीक्षा लेने आये!मुस्लिम फकीरों को देखकर देवीगर जी जान गए कि मेरी परीक्षा लेने आये है! उन्होंने आसमान कि तरफ इशारा किया तो आसमान में उडती हुई चिड़िया आसमान में ही रुक गयी, देवीगर जी कि करामात से उस चिड़िया का दिल देवीगर जी की हथेली पर आ गया! जब देवीगर जी ने दोबारा इशारा किया तो चिड़िया उड़ गयी ये देखकर मुस्लिम फकीरों ने कहा ये तो दूसरा फरीद ( बाबा फरीद ) है और अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगी, दयामूर्ति देवीगर जी ने उन्हें माफ़ कर दिया! देवीगर जी इस स्थान को छोड़ कर चले गए क्योंकि उनका मानना था कि संसारी मनुष्यों में रहकर प्रभु सिमरन नहीं हो सकता! वे छुप कर रहते और किसी को अपना भेद नहीं बताते! एक बार वे गाँव बुढ़ेवाल जिला लुधिआना में बैठे थे तो एक चरवाहा बकरियां चरा रहा था तभी वहां बहुत से भेडिये आ गए! यह देखकर चरवाहा भाग गया और उसने भागते हुए कहा, हे देवीगर बाबा अगर मेरी सारी बकरियां जिन्दा बच गयी तो मै एक बकरी आपको चढ़ा दूंगा! जब कुछ समय बाद वे कुछ और लोगों को लेकर वापस आया तो सभी बकरियां पूरी थी और भेडिये वापस जा चुके थे! उस चरवाहे ने कहा ये देवीगर जी की करामात है! वह जगह जगह देवीगर जी को खोजने लगा पर देवीगर जी कहीं नहीं मिले, हररोज वे प्रार्थना करता देवीगर जी दर्शन दो, एक दिन वे बकरियां चरवा रहा था, एक आदमी फटे पुराने कपडे पहने उसके पास आया और कहने लगा मुझे मेरी बकरी दे दो! उस आदमी ने देवीगर जी को पहचान लिया और कहा आप कोई भी बकरी ले लो! देवीगर जी ने कहा बकरी काटो और मेरे लिए भोजन तयार करो, उन्होंने बकरी का मास बनाकर देवीगर जी के आगे रख दिया! देवीगर जी मास खाकर हड्डियाँ फेकते जाते और हर हड्डी से एक और बकरी पैदा हो जाती! ये देखकर सभी चरवाहे देवीगर जी के पास बकरियां लेकर आने लगे पर देवीगर जी ने उसी समय वो स्थान छोड़ दिया! इसी प्रकार देवीगर जी के पास एक आदमी मुर्गा लेकर आया तो उन्होंने उस मुर्गे को खा लिया और उसकी हड्डियों से अनेक मुर्गे पैदा कर दिए! इसी प्रकार भ्रमण करते हुए जब देवीगर जी अपने गाँव पहुचे तो लोगो की भीड़ उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़ी! एक आदमी जिसका नाम वीरू था वो बहुत बड़ा बदमाश था, उसने जब बाबा देवीगर जी का यश सुना तो उसके मन में देवीगर जी के दर्शनों की इच्छा जागी पर देवीगर जी के पास जाने से डरता था इसलिए दूर से ही हररोज उनके दर्शन कर के लौट जाता था! देवीगर जी के पास लोगो की भीड़ लगी रहती! देवीगर जी लोगों को गालीयाँ देते पर लोग फिर भी उनके पास बैठे रहते! एक दिन देवीगर जी लोगों से तंग आकर पास के गंदे तालाब में घुस गए और कहने लगे, अब आओ कौन आता है मेरे पास कोई उनके पास नहीं गया पर वीरू बदमाश हाथ जोड़कर उनके पास चला गया! यह देखकर देवीगर जी खुश हो गए और उन्होंने कहा तेरे वंश का कभी नाश नहीं होगा और तेरे ऊपर सरकार की विशेष कृपा होगी! वीरू पर अंग्रेजी सरकार ने जितने मुक़दमे चला रक्खे थे, सभी मुक़दमे वीरू के पक्ष में हो गए! आज वीरू के वंशज जिला लुधिआना में रहते है और सभी सरकारी नौकरी पर है! लोग देवीगर जी के पास जाकर कहते आप हमे अपना शिष्य बना ले पर देवीगर जी ने किसी को अपना शिष्य नहीं बनाया और कहा जो भी मेरा गुणगान करेगा उसे दुःख के सिवा कुछ नहीं मिलेगा! यह सुनकर देवीगर जी के वंशजों ने कहा कि आपके होते हुए हम किसी और की शरण में क्यों जाये आप ही हमारा उद्धार कीजिये! उनकी प्रेम भरी
बातें सुनकर देवीगर जी का मन पिघल गया और उन्होंने कहा मुझमे श्रदा रखने वाला यदि मेरा कोई वंशज मेरा स्मरण कर किसी से कोई वचन कर देगा तो उस वचन को मै पूरा करूँगा! मुझमे श्रदा रखने वाला कोई भी आदमी यदि मुसीबत मे मुझे याद करेगा तो मै निश्चित रूप से उसकी रक्षा करूँगा! इतना कहकर देवीगर जी चले गए और फिर कभी लौट कर नहीं आये!
आज भी देवीगर जी अपने भक्तो को साक्षात् या स्वप्न में दर्शन देते है! एक बार की बात है एक युवक इटली में रहता था पर बेरोजगार था! उसने देविगर जी से प्रार्थना की तो उसे नौकरी मिल गयी! गणेश नाम का एक नेपाली युवक देवीगर जी में बहुत श्रद्द्दा रखता था! वे ७० फूट की ऊंचाई से गिर गया पर उसे मामूली चोटें लगी! एक हफ्ते बाद उसे छुटी मिल गयी! जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो एक सिक्ख युवक कुवैत में हो रहे दंगो में फस गया! उसने देवीगर जी से प्रार्थना की तो उसकी जान बच गयी और कुछ दिन बाद वे भारत वापसआ गया! एक बार पंजाब के जिला नवाशहर के युवक मदन लाल का पासपोर्ट साउदी अरब में चोरी हो गया!उनकी पत्नी के कहने पर मैने देवीगर जी से प्रार्थना की कुछ दिन बाद उस आदमी को किसी और का पासपोर्ट मिल गया और वो आदमी किसी और के पासपोर्ट पर इंडिया वापिस आ गया! जसविंदर सिंह नाम का एक युवक जो मिस्टर इंडिया रह चूका है, उस पर किसी ने तांत्रिक प्रयोग कर दिया वे ८ महीने तक चारपाई पर पड़ा रहा!पीजीआई हॉस्पिटल चंडीगढ़ के डाक्टरों ने जवाब दे दिया वे युवक अपनी जिंदगी से इतना दुखी था कि कहने लगा मुझे ज़हर का इन्जेक्शन लगवा दो पर देवीगर जी का उतारा करने के बाद वे ठीक हो गया! आज वो युवक (SCO 61 PHASE 10) मोहाली में श्री देवीगर जिम एंड कार्डियो चला रहा है! एक व्यक्ति देवीगर जी के नाम पर तम्बाकू दान करता था उसे सपने में सट्टे का नंबर प्राप्त होने लगा! पटिआला का एक युवक पागल हो गया था जब उसके परिवार वालो ने देवीगर जी का उतारा किया तो वे ठीक हो गया! एक बार मिठू नाम का एक युवक अपनी किसी रिश्तेदारी में गया उसका नित्य का नियम था कि वे हररोज देवीगर जी का ध्यान करता था! उनके रिश्तेदारों ने पूछा तुम किसका ध्यान करते हो तो उसने कहा देवीगर जी का तभी एक औरत बोली देवीगर नहीं बाज़ीगर होगा और हस पड़ी,कुछ दिन बाद उस औरत के जूयें पड़ गयी और वो बीमार रहने लगी तथा उसके पति को कसर होने लगी और वे मर गया! एक बार पंजाब पुलीस ने एक युवक की गाड़ी को रोका, उस युवक कि गाड़ी में स्मैक थी! उसने देवीगर जी से प्रार्थना कि और कहा मुझे बचा लो मै आपके नाम पर भंडारा करूंगा, बस इतना कहने कि देर थी कि एक हाथ आया और स्मैक वाला पैकेट उठा कर गायब हो गया!
आज भी देवीगर जी अपने भक्तो को साक्षात् या स्वप्न में दर्शन देते है! एक बार की बात है एक युवक इटली में रहता था पर बेरोजगार था! उसने देविगर जी से प्रार्थना की तो उसे नौकरी मिल गयी! गणेश नाम का एक नेपाली युवक देवीगर जी में बहुत श्रद्द्दा रखता था! वे ७० फूट की ऊंचाई से गिर गया पर उसे मामूली चोटें लगी! एक हफ्ते बाद उसे छुटी मिल गयी! जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो एक सिक्ख युवक कुवैत में हो रहे दंगो में फस गया! उसने देवीगर जी से प्रार्थना की तो उसकी जान बच गयी और कुछ दिन बाद वे भारत वापसआ गया! एक बार पंजाब के जिला नवाशहर के युवक मदन लाल का पासपोर्ट साउदी अरब में चोरी हो गया!उनकी पत्नी के कहने पर मैने देवीगर जी से प्रार्थना की कुछ दिन बाद उस आदमी को किसी और का पासपोर्ट मिल गया और वो आदमी किसी और के पासपोर्ट पर इंडिया वापिस आ गया! जसविंदर सिंह नाम का एक युवक जो मिस्टर इंडिया रह चूका है, उस पर किसी ने तांत्रिक प्रयोग कर दिया वे ८ महीने तक चारपाई पर पड़ा रहा!पीजीआई हॉस्पिटल चंडीगढ़ के डाक्टरों ने जवाब दे दिया वे युवक अपनी जिंदगी से इतना दुखी था कि कहने लगा मुझे ज़हर का इन्जेक्शन लगवा दो पर देवीगर जी का उतारा करने के बाद वे ठीक हो गया! आज वो युवक (SCO 61 PHASE 10) मोहाली में श्री देवीगर जिम एंड कार्डियो चला रहा है! एक व्यक्ति देवीगर जी के नाम पर तम्बाकू दान करता था उसे सपने में सट्टे का नंबर प्राप्त होने लगा! पटिआला का एक युवक पागल हो गया था जब उसके परिवार वालो ने देवीगर जी का उतारा किया तो वे ठीक हो गया! एक बार मिठू नाम का एक युवक अपनी किसी रिश्तेदारी में गया उसका नित्य का नियम था कि वे हररोज देवीगर जी का ध्यान करता था! उनके रिश्तेदारों ने पूछा तुम किसका ध्यान करते हो तो उसने कहा देवीगर जी का तभी एक औरत बोली देवीगर नहीं बाज़ीगर होगा और हस पड़ी,कुछ दिन बाद उस औरत के जूयें पड़ गयी और वो बीमार रहने लगी तथा उसके पति को कसर होने लगी और वे मर गया! एक बार पंजाब पुलीस ने एक युवक की गाड़ी को रोका, उस युवक कि गाड़ी में स्मैक थी! उसने देवीगर जी से प्रार्थना कि और कहा मुझे बचा लो मै आपके नाम पर भंडारा करूंगा, बस इतना कहने कि देर थी कि एक हाथ आया और स्मैक वाला पैकेट उठा कर गायब हो गया!
मेरे एक मित्र ज्योतिष का काम करते है उनका नाम अशोक भंडारी है वे न्यूज़ टाइम चैनल के ड़रेक्टर भी है! एक बार वे ऑसट्रेलिया गए वहां एक मुस्लिम लड़की बीमार थी, जब वे शीशा देखती थी तो उसे अपनी सूरत खून से लथपथ नज़र आती थी! उसके परिवार वालो ने बहुत इलाज करवाया पर वे ठीक नहीं हुई! वहां के मुस्लिम तांत्रिको का कहना था कि उसे शैतान तंग कर रहा है जिसका इलाज बहुत मुश्किल है! जब अशोक भंडारी जी ने उनसे देवीगर जी का उतारा करवाया तो दुसरे दिन वे ठीक हो गयी! कुछ लोगो पर देवीगर जी की सवारी भी आती है! मीत सिंह नाम का एक आदमी देवीगर जी के नाम पर ढोंग करता था और कहता था मुझ पर देवीगर जी की सवारी आती है! एक रात देवीगर जी ने उसे उल्टा टांग दिया और सारी रात उसकी पिटाई होती रही! आज भी हमारे इलाके के बड़े बड़े तांत्रिक देवीगर जी से काम लेते है पर देवीगर जी के बारे में किसी को नहीं बताते, क्योंकि कोई पारस मणि तो दे भी दे पर ऐसी मणि जो व्यक्ति को पारस ही बना दे कोई कैसे दे सकता है!
सब लोग कहते है कि इश्वर कण कण में बसता है पर गन्दी चीज़ को देखकर नफरत करते है! एक अघोरी ही
इश्वर को कण कण में देखता है क्योंकि वो साक्षात् शिव स्वरुप होता है! आज भी लोग सात प्रकार कि मिठाई
जंगल में छोड़ते है और देवीगर जी कि स्तुति इस मन्त्र से करते है!
गुरुओं के गुरु ओ वीरों के वीर
देवो अब दर्शन न करो अधीर
कृपा करो देवीगर मेरे कष्ट मिटाओ
मेरी रक्षा को सदा दौड़े चले आओ!
भूत प्रेत के निवारण के लिए लोग दो रोटी बेसन और गेंहु का आटा मिलाकर बनाते है और उस पर एक प्याज़
और थोडा सा गुड रखकर रोगी के सिर से सात बार उतार कर जंगले में छोड़ देते है! इस उपाय से बिगड़ी हुई
मसानी का भी इलाज हो जाता है! फिर चाहे मदानण मसानी ही क्यों न हो, बस उपाय करने वाले पर देवीगर
जी की कृपा होनी चाहिए! इसी प्रकार जब किसी का उतारा किया जाता है तो कहा जाता है!
लगी को लगाई को
छड़ी को छड़ाई को
भसम कर बाबा देवीगर तेरी सदा ही जय!
इस मन्त्र से यदि किसी को सफ़ेद धागा अभिमंत्रित करके दे दिया जाये तो निश्चित तौर से ओपरी बाधा ठीक
हो जाती है! कुछ और भी मन्त्र है जो गाँव देहात में प्रचलित है! देवीगर जी की प्रचंड शक्ति का का गुणगान
करना असंभव है! मेरा मानना है कि यदि सिर देकर भी ऐसे संत कि कृपा मिल जाये तो भी सस्ती है! मै देवीगर
जी से प्रार्थना करता हूँ कि जैसे मुझे दर्शन दिए और मेरे बिगड़े काम सवारे वैसे ही अपने सभी भक्तो को दर्शन
देना और उनके भी काम सवारना!
जय सद्गुरूदेव !
1 comments so far
kya baat hai.. bahot accha lga..👌👌
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