लौन्कडिया वीर साधना एक दुर्लभ साधना है बहुत कम लोग इस साधना के विषय में जानते है ! लौन्कडिया वीर महापण्डित रावण जी की एक विशेष सेना के सेनापति थे ! उन्हें माँ जगदम्बा का वरदान था और माँ जगदम्बा की कृपा से लौन्कडिया वीर तंत्र में अमर हो गए ! मेरे गुरुदेव सिद्ध रक्खा रामजी ने यह साधना मुझे सिखाई थी ! इस साधना के दम पर आप अपने शत्रुओं को परास्त कर सकते है और अपने बहुत से रुके हुए कार्य करवा सकते है ! यह साधना बहुत उग्र है इसलिए गुरु आज्ञा से ही करे ! साधना के दौरान कुछ आवाजें सुनाई देगी पर कुछ दिनों के बाद सब शांत हो जायेगा !
।। मन्त्र ।।
लौन्कडिया वीर भागे भागे आओ
लौन्कडिया वीर भागे भागे आओ
दौड़े दौड़े आओ, जैसे दुर्गा द्वारे कूदे
वैसे मेरे द्वारे कूदो
रावण जी के सेनापति पाताल के राजा
देखा लौन्कडिया वीर तेरी हजारी का तमाशा!
।। साधना विधि ।।
इस साधना को आप किसी भी दिन से शुरू कर सकते है ! आसन पर बैठकर आसन जाप पढ़े और शरीर कीलन कर रक्षा घेरा बनाये ! एक तेल का दीपक जलाएं और गुरुदेव से आज्ञा लेकर गुरुमंत्र जपे और गणेश जी का पूजन करे , फिर इस मन्त्र का 15 माला जाप करे ! यह क्रिया आपको 41 दिन करनी है ! हररोज दूध में जलेबी उबालकर पूजा के समय पास रखले और बाद में उजाड़ स्थान पर रख आये ! अंतिम दिन किसी ११ साल के लड़के को एक गुली डंडा और दक्षिणा दे!
।। प्रयोग विधि ।।
लौन्कडिया वीर से जब भी कोई काम करवाना हो तो जलेबी को दूध में उबालकर भोग तैयार करले और एक माला मन्त्र की जपकर कार्य बोल दे और सामग्री उजाड़ स्थान में रखदे ! आपका कार्य सिद्ध हो जायेगा !
2 comments
Adesh maharaj kya ye sadhana ki puran vidhi hai ya isme kuch bate bhi hai jo na likhi gai ho aur ye sadhana kahan kar sakte hai
I want to swapna sidhhi sadhna.
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