Thursday 20 October 2016

कुबेर साधना

धन प्राप्ति के लिए हम सब लक्ष्मी साधना करते है पर हम अक्सर एक बात भूल जाते है लक्ष्मी आती तो अपनी मर्जी से है पर जाती कुबेर जी की मर्जी से है इसलिए धन के स्वामी कुबेर को कहा जाता है ! यक्षराज कुबेर देवताओ के कोषाध्यक्ष है ! धन की देवी माँ लक्ष्मी के धरती पर आने से पहले धरती पर धन के स्वामी कुबेर जाते है , उस दिन को हम लोग धन तेरस के नाम से जानते है ! इस दिन सोना चांदी के गहने खरीदना बहुत शुभ माना जाता है ! इस रात्रि यदि कुबेर जी को प्रसन्न कर लिया जाये तो स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है ! कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए हमारे आचार्यो ने बहुत सी साधनाओ का वर्णन किया है यहाँ मैं एक साधना देने जा रहा हूँ जो मैं हर वर्ष करता हूँ और अक्सर ऐसा देखा गया है कि इस साधना को करने के बाद धन के रास्ते खुल जाते है ! यह साधना बहुत सरल है और कोई भी व्यक्ति इस साधना को कर सकता है !

धन तेरस पर एक बिना जोड़ का चांदी का छल्ला खरीद लाये अपनी अनामिका उंगली के नाप का , उस रात उस चांदी के छल्ले का पूजन उसे कुबेर जी मानकर करे और २१ माला इस मन्त्र की जपे ! घी का दीपक जलाये और केसर तथा मिठाई उस छल्ले पर चढ़ाये !

||
मन्त्र  ||

कुबेराये नमः !

मन्त्र जाप के बाद उस छल्ले को किसी शहद की बोतल में डोबू कर रख दे ! अब दिवाली वाले दिन उस छल्ले को शहद में से निकल ले और उसका पूजन करे और दोबारा २१ माला इस मन्त्र की जपे ! मन्त्र जप पूर्ण होने के बाद उस छल्ले को किसी घी के दीपक में डालकर लक्ष्मी जी का उस दीपक से पूजन करे और इस मन्त्र का ११ माला जाप करे !

||
मन्त्र ||

श्रीम श्रीयये नमः 

अगले दिन नहाकर लक्ष्मी पूजन करे और उस दीपक में से छल्ला निकलकर धारण कर ले ! ऐसा करने से माँ लक्ष्मी और कुबेर जी की कृपा आप पर बनी रहेगी ! ऐसा हर साल करते रहे !

जय सदगुरुदेव !


CommentComment

Copyright © Aayi Panthi Nath All Right Reserved
Designed by Arlina Design | Distributed By Gooyaabi Templates Powered by Blogger