Friday, 21 October 2016

रुष्ट पितृ शांति साधना

मनुष्य जीवन में पितरों का रुष्ट हो जाना बहुत ही दुखदायी होता है ! इंसान को पग पग पर पितृ अपने रुष्ट होने का दंड देते रहते है और वह इन्सान जाने अनजाने में पितरों द्वारा दिए गए दंड को ग्रह बाधा या किसी का किया कराया मान लेता है ! हमारे पास अक्सर लोग आकर यही कहते है कि हम पर किसी ने तंत्र प्रयोग कर दिया है , पर आज के समय में प्रयोग करने वाले तांत्रिक ही बहुत कम है ज्यादातर लोग अपनी दूकान ही चला रहे है ! 


आज के इस युग में लोग अधिकतर पितरो के श्राप से ही पीड़ित है पर बहुत से ऐसे लोग भी है जो पितरों का श्राद्ध आदि क्रियाये भी करते है फिर भी पितृ उन्हें परेशान करते है क्योंकि कई बार खानदान में कोई पूर्वज बहुत पहुंचा हुआ तांत्रिक होता है और मरने के बाद यदि उसकी मुक्ति ना हो तो वह अपने ही परिवार को नुक्सान करना शुरू कर देता है ! कई बार देखने में आया है कि अकाल मृत्यु से ग्रस्त व्यक्ति प्रेत बनकर अपने ही परिवार वालो को तंग करना शुरू कर देता है !


पंजाब में बहुत से परिवार ऐसे है जिनके पूर्वज युद्ध में शहीद हुए है और कुछ लोगों ने अपने अपने खेतों में शहीदों का स्थान बना रखा है ! उनमे से कुछ शहीदों पर तो बहुत बड़े बड़े मेले लगते है क्योंकि वह शहीद अपने शुभ कर्मो से जन कल्याण पर देखा गया है कि अधिकतर शहीद अपने ही वंशजो पर कुपित होकर उन्हें कष्ट देते है ! इसी प्रकार कुछ हिन्दू परिवारों में भी गौत्र के पितृ रुष्ट हो जाते है और लाख मनाने पर भी नहीं मानते ! लोग बेचारे श्राद्ध, पिंड-दान आदि क्रियाये भी करते है पर पितृ नहीं मानते क्योंकि वह अपने बुरे कर्मों के कारण अधोगति में पहुँच जाते है ! 

यदि  आप भी ऐसी ही परिस्थिति से गुजर रहे है तो एक बार इस साधना को जरुर करे ! आपके रुष्ट पितृ निश्चित तौर पर मजबूर होकर आपको आशीर्वाद देंगे और उन्हे ऐसा करना ही पड़ेगा !

||  मन्त्र  ||

पितृ परम पर्वता विराजे,
हम कर जोड़े खड़े सकारे !
होम धूप की होय अग्यारी, 
पितरदेव दरबार तुम्हारी !
पितर मनावे हार द्वार में बरकत बरषे,
बार-बार मैं अपने गौत्र के पितर मनाऊँ !
सातो सातहि सिर ही झुकाऊँ,
जो माने मेरी बात, 
नरसिंह को झुकाऊँ माथ !
वीर नरसिंह दहाड़ता आवे,
मूछें-पूंछ कोप हिलावे !
हन - हन हुम करे हुंकार,
प्रेत-पितर पीड़ा फटकार !
कोड़ा मारे श्री हनुमान,
सिद्ध होंय सब पूरन काज !
दुहाई दुहाई राजा रामचंदर महाराज की
!



||  विधि  ||

पितृ पक्ष में एक तेल का दीया आग्नेय कोण ( दक्षिण-पूर्व दिशा ) में लगा दे और  एक दीया अपने सामने लगा दे ! एक पूड़ी पर खीर और हलवा थोड़ी मात्रा में रख दे और एक पानी वाला नारियल छील कर अपने पास रख ले और इस मंत्र का एक माला जप करे ! जप के बाद नारियल फोड़ दे और सारी सामग्री सारी रात्री वही पड़ी रहने दे , दुसरे दिन पुड़ी छत पर डाल दे और नारियल बहते पानी में बहा दे ! यह प्रयोग आपको १५ दिन , मतलब पूरे पितृ पक्ष करना है ! ऐसा करने से आपके पितृ कितने भी बड़े तांत्रिक ही क्यों हो आपको शुभ फल अवश्य देंगे और भविष्य में भी आपकी सहायता करेंगे !

मेरी अनुभूत साधना है ! एक बार जरुर करे और जीवन में परिवर्तन देखे !

जय सदगुरुदेव !!

7 comments

आप को प्रणाम 🙏🙏🙏

Kya isaka karmchari jaruri h kya

Maharaj, agar aas-pas नदी nahi ho to, talab me daal sakte hai kya nariyal,
बताने की कृपा करे ताकि इस पितृ पक्ष में मैं ये साधना कर सकू ।
धन्यवाद ।

9552310079mujhe msg kare mujhe apko guru bnana h. Baatbkrni h

आदेश नाथ जी ����, नाथ जी(रवि कहानी) यह साधना पिछले कई सालों से टालता जा रहा था, सन् 2020 पितृपक्ष मे मैने यह साधना की और बहुत ही चमत्कारी बदलाव देखे, इस साधना ने वाकई मे जिंदगी ही बदल दी।

guru ji jiske guru na ho wo ye sadhana kar sakte he pitru kast nivaran mantra . bahut pareshan hu me .

guruji pls bataye ye mantra rat ko karna he kya ?


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