प्रत्येक पेड़ एक छोटे से अंकुर में छुपा होता है ठीक उसी प्रकार सभी सध्नाओ का मूल केवल और केवल सदगुरुदेव ही है! जब ईश्वर की कृपा होती है तो सदगुरुदेव मिल जाते है और जब सदगुरुदेव की कृपा होती है तो ईश्वर मिल जाते है इसलिए गुरु और ईश्वर में कोई भेद नहीं होता! दोनों एक दूसरे के पूरक हैं !
जब मै छोटा था मेरी उम्र सात साल थी मुझे यह भी नहीं पता था गुरु का अर्थ क्या होता है! उस समय मैंने गुरुबाणी में सुना की एक औरत राम राम जपती हुयी समुद्र पार हो गयी इसलिए राम नाम से कुछ भी हो सकता है! मैंने सोचा राम नाम जपने से मै पास हो जाऊंगा और पूरी क्लास में फर्स्ट आऊंगा! मैंने अपनी मम्मी से कहा मम्मी मै भी राम नाम जपूंगा और फर्स्ट आऊंगा! मेरी मम्मी हँस पड़ी और कहा हररोज जपोगे तब रामजी सुनेगे! मैंने कहा मै हररोज जपूंगा!मेरी मम्मी और पिताजी हररोज सुबह 4 बजे उठकर पूजा करते थे और गुरुमंत्र जपते थे! मै भी रोज सुबह उठकर नहाता और पूजा करता और राम राम जपता रहता! मेरे माता पिता माला फेरते थे! मै भी माँ से कहने लगा मुझे माला फेरनी है, पर माँ मना कर देती और कहती तुम छोटे हो गलत फेरोगे! मेरे घर में एक गले में पहनने वाली माला थी जो साधारण सफ़ेद मोतियों की थी मेरी माँ कभी कभी उस माला को गले में पहनती थी! मैंने वह माला उठाई और जपनी शुरू कर दी, उस माला में छोटे छोटे दाने थे और बीच बीच में बड़े दाने थे सजावट के लिए! मुझे माला से कोई मतलब नहीं था और मै माला को फेरते वक़्त किसी नियम का भी ख्याल नहीं रखता था और तर्जनी ऊँगली का स्पर्श भी होता था और जप के अंत में मै कहता हे रामजी मुझे संसार सागर से पार नहीं होना बस मुझे exams में पास करवा देना! मै हर बार first आता धीरे धीरे अभ्यास बढ़ता गया और मै हर रोज सुबह पांच बजे से सात बजे तक राम राम जपने लगा! शाम के समय भी दो घंटे राम राम जपता ऐसा मेरा नियम बन गया! ऐसा दो साल चलता रहा! एक बार मै और मेरी मम्मी मंदिर में गए मेरी उम्र लगभग 9 वर्ष थी! मेरी मम्मी की सहेली ने कहा मुझे रात सपने में शिव भगवान के दर्शन हुए! मैंने कहा मै तो रोज मंदिर जाता हूँ मुझे तो कभी शिव के दर्शन नहीं होते! उसी रात सपने में भगवान शिव और माँ पार्वती के दर्शन हुए और मै डर गया मेरा पिशाब निकल गया और मै रोने लगा! मै मम्मी के साथ सोता था मेरी मम्मी ने कहा क्या हुआ मैने कहा मम्मी शिवजी थे!माँ ने कहा तुझे ही देखने थे शिवजी अब क्यों डर रहा है! दुसरे दिन जब मै मंदिर गया तो मैने शिवलिंग पर जल चढाते हुए कहा आप तो बड़े डरावने हो आज के बाद मुझे दर्शन मत देना! दोबारा मुझे कभी शिव दर्शन नहीं हुआ पर मेरा राम नाम का जप चलता रहा! जब मेरी उम्र 11 वर्ष हुई उस वक़्त मेरे पिताजी जम्मू कश्मीर special task force ( STF )में तैनात थे! हम लोग सेक्टर 29-D के सरकारी मकान में रहते थे! मै बहुत शरारती था और हर किसी को मुँह पर ही जवाब दे देता था! एक बार मै और मेरी मम्मी सेक्टर 29 के सिद्ध बाबा बालकनाथ मंदिर में गए! मंदिर में राम नवमी का समागम चल रहा था! मेरी माँ कथा सुनने लगी मैने प्रसाद लिया और मै भी बैठ गया! मै केला खा रहा था तभी संत ने कहा जितना मर्जी राम राम जपो जब तक गुरुदेव की कृपा नहीं होगी राम नहीं मिलेगे! जब कथा समाप्त हुयी तो मै संत के पास गया और देखने लगा संत के एक सेवक ने कहा क्या बात है? मैने कहा बाबा कह रहे थे गुरु की कृपा के बिना राम नहीं मिलते पर मुझे यह पूछना है कि रामजी से मिलना ही क्यों है? उन्होंने कहा रामजी के दर्शनों से सब काम हो जाते है!मनुष्य संसार सागर से पार हो जाता है! मैंने कहा वो तो उनका नाम लेने से ही पार हो जाता है तो मिलना क्यों है? तभी उन संत ने मुझे देख लिया और कहा क्या पूछ रहे हो! मैंने कहा गुरु कृपा से राम मिलते है पर रामजी से मिलना क्यों है! उन संत ने कहा मुक्ति पाने के लिए! मैने कहा यह मुक्ति कौन है? मुक्ति की हमें क्या जरूरत है? संत ने कहा रामजी से मिलने से सब काम आसान हो जाते है! मैंने कहा मुझे कौनसा रामजी से हल चलवाना है काम तो उनका नाम लेने से ही हो जाते है! संत हसने लगे उन्होंने कहा रामजी से मिलने के बाद तुम भी राम बन जाओगे! मैंने कहा मुझे राम नहीं बनना उनकी तरह जंगलो में कौन जायेगा! संत ने कहा राम जी के मिलने से सारी दुनिया तुम्हारी हो जाएगी और तुम्हारे सभी काम रामजी स्वयं करेगे! मैंने कहा रामजी रहते कहाँ है , उन्होंने कहा स्वर्ग में, मैने कहा क्या स्वर्ग में बैठे बैठे मेरा काम नहीं कर सकते! संत बोले कर सकते है तो मैंने कहा उन्हें धरती पर क्यों बुलाऊ धरती पर आते आते थक गए तो संत ने कहा रामजी थकते नहीं है! मैंने कहा थक जाते है तभी तो पेड़ो की छाया में आराम करते है! संत ने कहा तुम्हे कैसे पता रामजी आराम करते है! मैंने कहा टी वी में देखा था! संत बोले क्या तुमने कभी राम नाम का सिमरन किया है! मैंने कहा रोज करता हूँ! संत बोले क्या मांगते हो मैंने कहा कुछ नहीं,संत बोले तेरे सवालों का जवाब मेरे पास नहीं है! संत बोले मेरी एक बात मानोगे मैंने कहा मानूगा! आज से हररोज रामजी को कहना मेरे लिए गुरुदेव को भेजदो! मैंने कहा पर रामजी के दर्शन क्यों करने है? संत बोले इस सवाल का जवाब तुम्हे तुम्हारे गुरुदेव देगे! मै हररोज रामजी से कहता मेरे लिए गुरुदेव भेजदो! गर्मी की छुटियों में मै अपने गाँव आ गया!हमारे वंश में बलि प्रथा का रिवाज़ है! बलि की तयारी चल रही थी! उसी समय हमारे घर में सिद्ध रक्खा रामजी भी आये हुए थे! सब लोग उनके आसपास बैठे ज्ञान चर्चा कर रहे थे! मै ball के साथ खेल रहा था, मेरी ball सिद्ध रक्खा रामजी के चरणों के पास चली गयी! उसी वक़्त एक आदमी ने मदानण माता के बारे में पूछा, सिद्ध रक्खा रामजी मदानण माता के बारे में बता रहे थे! मै भी उनके पास बैठ गया मैंने कहा मदानण माता का कोई मन्त्र नहीं होता! सिद्ध रक्खा रामजी बोले मन्त्र क्यों नहीं होता? मैंने कहा चालीसा वाली किताब में तो उनका नाम भी नहीं आता! उन्होंने कहा सब कुछ किताबो में नहीं मिलता! मैंने कहा मुझे मन्त्र बता दो माता का उन्होंने कहा पहले गुरु बना! मैंने कहा आज से आप मेरे गुरु हो उन्होंने कहा ठीक है आज से तू मेरा शिष्य है!उन्होंने कहा शाम को मुझसे मिलना! मै चला गया और यह बात माँ को बताई माँ ने कहा खाली हाथ गुरु नहीं बनाते और क्या तुमने उनके पाँव छुए मैंने कहा नहीं! माँ ने मुझे लड्डू और बतासे दिए और कहा अब जाकर उनके पाँव छूना और यह उन्हें दे देना! मैंने ऐसा ही किया सिद्ध रक्खा रामजी हस पड़े और कहा तू मेरा पहला और आखरी शिष्य है! शाम के समय उन्होंने पूजन आदि करके मुझे गुरुमंत्र दिया! मुझसे उन्होंने कहा इसी मन्त्र को दो साल जपते रहो मैंने कहा कितनी बार उन्होंने कहा उठते बैठते चलते फिरते बस जपते रहो! मैंने ऐसा ही किया कुछ लोग मुझसे कहते उनसे कुछ और पूछ वो बहुत से गुप्त मन्त्र जानते है तुझे बताना नहीं चाहते वो उनसे पूछ! मैंने कहा दो साल बाद पूछूंगा, कुछ साधक मुझे भड़काते पर मै गुरुमंत्र जपता रहा! जब दो साल से भी ज्यादा समय हो गया तो गुरुदेव ने मुझसे कहा मन्त्र जपते हो मैंने कहा हाँ! उन्होंने कहा कुछ और जपना चाहते हो मैंने कहा रामजी कैसे मिलेगे! उन्होंने कहा रामजी से तुझे कौनसा हल चलवाना है जा हररोज राम राम जप मैंने कहा कितना जपु! उन्होंने कहा 1 करोड़! मैंने कहा गिनती कैसे करू उन्होंने कहा तू गिनती मत कर रामजी को गिनती आती है स्वयं कर लेगे! मै राम राम जपने लगा उठते बैठते हर समय मेरे मन में राम राम का सिमरन चलता रहता! मै किसी से बात भी करता तो मेरे अंदर राम राम का जप चलता रहता! तीन चार महीने बाद गुरूजी ने बुलाया और कहा अब तुझे सिद्धि मिलने से कोई नहीं रोक सकता और गणेश मन्त्र दिया और कहा इस मन्त्र को हररोज जपो उठते बैठते चलते फिरते जपते रहो! मैंने कहा इस से क्या होगा उन्होंने कहा कभी किसी साधना में असफलता नहीं मिलेगी और गणेश जी के स्वपन में दर्शन होंगे! उन्होंने कहा अंतिम दिन गणेश जी से प्रार्थना करना और कहना हे गणेश जी आप यदि प्रसन्न हो तो मेरे भैया बन जाओ और भाभी रिद्धि सिद्धि के साथ मेरे मस्तिष्क पर बिराजो! मैने ऐसा ही किया और मुझे स्वपन में गणेश जी के दर्शन हुए और इस साधना के बाद मेरा दिमाग बहुत तेज़ चलने लगा बड़े बड़े योगी मेरी प्रशंसा करते और कहते इस लड़के का दिमाग कितना तेज है मुह में आने वाली बात पहले ही पकड़ लेता है! यह हर बात को बड़े ध्यान से सुनता है और याद रखता है! इस साधना के बाद मैने अनेको साधनाए की पर जिस प्रकार व्यक्ति पहला प्यार नहीं भूलता उसी प्रकार इस साधना का मेरे जीवन में विशेष स्थान है! गुरु ग्रन्थ साहिब में लिखा है " गुरु जो भेजे नरक को स्वर्ग की रखिये आस " यदि गुरु नरक में भेजे और शिष्य उनकी आज्ञा मानकर चला जाये तो नरक भी स्वर्ग बन जाता है! यदि मै लोगो के बहकावे में आ जाता तो शायद बहुत से गुप्त मंत्रो से वंचित रह जाता! आप भी इस साधना से लाभ उठाये! यह मेरी अनुभूत साधना है!
मन्त्र::-
ॐ गणपति यहाँ पठाऊ तहां जावो
दस कोस आगे जा
ढाई कोस पीछे जा
दस कोस सज्जे दस कोस खब्बे
मैया गुफ्फा की आज्ञा मन रिद्धि सिद्धि देवी आन
अगर सगर जो न आवे तो माता पारवती की लाज!
ॐ क्राम फट स्वाहा!
विधि::-
हर रोज गुरु पूजन और गणेश पूजन करे!
इस मन्त्र की हररोज 5 माला जाप करे और
गणेश जी की मूर्ती के दोनों तरफ एक एक गोमती चक्र रखे!उन्हें देवी रिद्धि और सिद्धि मानकर
उनका भी पूजन करे! मूर्ती अगर कुम्हार के घर की मिटटी से बनाये तो ज्यादा अच्छा है नहीं तो
बाज़ार से भी लाकर रख सकते है या पारे के गणेश जी भी रख सकते है!
जप रात को करे 21 दिन की क्रिया है!अंतिम दिन पांच लड़ू और मीठा सिंधूर गणेश जी के
मंदिर में चढ़ाये और देवी रिद्धि सिद्धि के लिए श्रृंगार का सामान मंदिर में चढ़ाये!
जय सद्गुरुदेव !!
जय सद्गुरुदेव !!
6 comments
Ye sadhna din me kare to??
pranam kya is sadhana se ias topper ban sakte hai
Mala kaun si leni h prabhu bata de
Appp bohat ashi sadhna dalte ho jagat ka bhala kar rahe bagwan app ko lambi ayuu de or asee he bhala karte raho app hum ne bhi app ke kitne sadhna ke hai bohat asha anubhav huya hum ko
ये मीठा सिंदूर कोनसा सिंदूर होता है
आदरणीय गुरु देव में ये गरपती साधना इस
नवरात्रि में करना चाहता हूं कृपया कर ये बताए की इस साधना को क्या घर पर की का सकती है या नहीं
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