बाबा नाग भाग जी का स्थान पंजाब के जिला लुधियाना के गाँव " कोट गंगु राए " में हुआ था ! उनका गोत्र " कुनर " था ! एक औरत ने एक नाग और एक बालक को एक साथ जन्म दिया, उस बालक का नाम " भाग " रखा गया ! वह बालक बहुत चमत्कारी था , जब भी वह बालक सोता था तब नाग उसके सिर पर छाया कर लेता था ! लोगो का मानना था कि वह बालक नाग लोक से सम्बन्ध रखता था !
एक दिन उनकी माँ ने नाग और भाग जी को बेर के पेड के नीचे रखकर कपास लेने के लिए पास के खेतों में गयी ! राह से गुजरते दो साधुओ ने एक बच्चे के सिर पर नाग को देखकर , बच्चे की सुरक्षा के लिए उस नाग को मार दिया और आगे चल दिए ! नाग के मरते ही बालक " भाग " भी मर गए ! उसी वक़्त एक कुत्ते और काग ने भी शरीर छोड़ दिया ! इस तरह उन चारो ने शरीर का त्याग कर दिया !
वह साधू आगे उसी गाँव " कोट गंगु राय " में पहुंचे , और दुध की भिक्षा मांगने को घर घर जाने लगे ! जैसे ही एक घर से उन्होंने दुध लिया तो वह खून में बदल गया , उस घर की बुढ़ी औरत बोली कि निश्चय ही तुम दोनों यहाँ कोई बुरा कर्म करके आये हो ! उन साधुओं ने कहा कि देवी हमने एक बालक के सिर पर नाग को देखकर उसकी रक्षा के लिए नाग को मार दिया , शायद इसीलिए ही यह भिक्षा खून बन जा रहा है !
नाग की आत्मा एक ब्राह्मन लड़की में आकर गाँव वालों से बोली कि यह सही नहीं किया हमारे साथ , अब आप लोगों को हर साल भादों कृष्ण चौदस को हमारी याद में मेला लगाना पड़ेगा ! गाँव वालों ने कहा हम मेला लगा देंगे पर पहले तुम कुछ करामात दिखाओ !
नाग की आत्मा ने कहा मैं करामात के लिए तैयार हूँ ! गाँव वालों ने उससे कहा कि तुम्हे पानी का कोह कुए से लाना होगा ! गाँव वालों के कहने की देर थी कि नाग ने करामात दिखा दी ! तब से हर साल भादों कृष्ण चौदस को कोट गंगु राय में बाबा नाग भाग का मेला लगता है और लोगों की मुरादे पूरी होती है !
इस मेले में बैल गाड़ियों की दौड़ और पंजाब स्टाइल कबड्डी के मुकाबले होते है ! दुनिया में कोट गंगु राय के लोग कही भी रहते हो उनकी कोशिश रहती है कि मेले के दिन वह बाबा नाग भाग के सामने हाजरी जरुर दे ! इस गाँव की लडकीयाँ इस दिन अपने ससुराल आकर बाबा नाग भाग के आगे हाजरी लगाती है ! यदि कोई बाबा नाग भाग जी की बुराई करता है तो उसके घर में नाग निकल आते है !
कल भादो कृष्ण चौदस है और बाबा नाग भाग जी का मेला है , आईये उनके चरणों में हाजरी लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करे !
जय बाबा नाग भाग जी !!
जय सदगुरुदेव....!!
एक दिन उनकी माँ ने नाग और भाग जी को बेर के पेड के नीचे रखकर कपास लेने के लिए पास के खेतों में गयी ! राह से गुजरते दो साधुओ ने एक बच्चे के सिर पर नाग को देखकर , बच्चे की सुरक्षा के लिए उस नाग को मार दिया और आगे चल दिए ! नाग के मरते ही बालक " भाग " भी मर गए ! उसी वक़्त एक कुत्ते और काग ने भी शरीर छोड़ दिया ! इस तरह उन चारो ने शरीर का त्याग कर दिया !
वह साधू आगे उसी गाँव " कोट गंगु राय " में पहुंचे , और दुध की भिक्षा मांगने को घर घर जाने लगे ! जैसे ही एक घर से उन्होंने दुध लिया तो वह खून में बदल गया , उस घर की बुढ़ी औरत बोली कि निश्चय ही तुम दोनों यहाँ कोई बुरा कर्म करके आये हो ! उन साधुओं ने कहा कि देवी हमने एक बालक के सिर पर नाग को देखकर उसकी रक्षा के लिए नाग को मार दिया , शायद इसीलिए ही यह भिक्षा खून बन जा रहा है !
नाग की आत्मा एक ब्राह्मन लड़की में आकर गाँव वालों से बोली कि यह सही नहीं किया हमारे साथ , अब आप लोगों को हर साल भादों कृष्ण चौदस को हमारी याद में मेला लगाना पड़ेगा ! गाँव वालों ने कहा हम मेला लगा देंगे पर पहले तुम कुछ करामात दिखाओ !
नाग की आत्मा ने कहा मैं करामात के लिए तैयार हूँ ! गाँव वालों ने उससे कहा कि तुम्हे पानी का कोह कुए से लाना होगा ! गाँव वालों के कहने की देर थी कि नाग ने करामात दिखा दी ! तब से हर साल भादों कृष्ण चौदस को कोट गंगु राय में बाबा नाग भाग का मेला लगता है और लोगों की मुरादे पूरी होती है !
इस मेले में बैल गाड़ियों की दौड़ और पंजाब स्टाइल कबड्डी के मुकाबले होते है ! दुनिया में कोट गंगु राय के लोग कही भी रहते हो उनकी कोशिश रहती है कि मेले के दिन वह बाबा नाग भाग के सामने हाजरी जरुर दे ! इस गाँव की लडकीयाँ इस दिन अपने ससुराल आकर बाबा नाग भाग के आगे हाजरी लगाती है ! यदि कोई बाबा नाग भाग जी की बुराई करता है तो उसके घर में नाग निकल आते है !
कल भादो कृष्ण चौदस है और बाबा नाग भाग जी का मेला है , आईये उनके चरणों में हाजरी लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करे !
जय बाबा नाग भाग जी !!
जय सदगुरुदेव....!!
CommentComment