Friday, 21 October 2016

नौ गजा पीर साधना

नौगजा पीर जी का स्थान हरियाणा के जिला शाहबाद में है ! नौगजा पीर जी बड़े ही करामाती पीर हुए है जिनमे हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समान रूप से श्रद्धा रखते है और अपनी मुँह मांगी मुरादे पाते है ! एक मान्यता के अनुसार नौगजा पीर जी का नाम सैय्यद इब्राहीम था पर उनका कद नौ गज लम्बा था इसलिए उन्हें नौगजा पीर कहा जाता था ! नौगजा पीर जी आज भी अपने भक्तों को दर्शन देते है और उनकी मुरादे पूरी करते है !

यदि नौगजा पीर को सिद्ध कर लिया जाये तो ऐसा कोई कार्य नहीं जो पूर्ण ना किया जा सके ! ऐसे अनेकों लोगों को मैं जनता हूँ जिन्हें दस-पंद्रह साल शादी को हो गए थे मगर कोई औलाद नहीं थी पर केवल नौगजा पीर की मजार पर माथा टेकने से उन्हें संतान की प्राप्ति हो गयी! नौगजा पीर की सिद्धि अधिकतर तांत्रिक ही करते है क्योंकि वह नौगजा पीर जी के द्वारा तांत्रिक क्रियायों का निवारण करते है ! भूत, प्रेत , किया कराया , घर में खून के छींटे आना , औलाद ना होना ऐसी अनेकों समस्याओं का निवारण नौगजा पीर तुरंत कर देते है ! एक बार इस साधना को अवश्य करे ! 


  मंत्र   
उत्तर जाऊ, दक्षिण जाऊ !
पूर्व जाऊ, पश्चिम जाऊ !!
जाऊ नदी के तीर नौगजा पी !
सवा  सेर लड्डू , पाँच गज ओढनी !!
खोल दे बंधन

गौंस आज़म दस्तगीर की दुहाई !!   

  साधना विधि   
इस साधना को आप  किसी भी शुक्ल पक्ष के गुरुवार से शुरू कर सकते है ! साधना के प्रथम दिन पीले मीठे चावल बांटे और रात्रि दस बजे के बाद एक सरसों के तेल का दीपक जलाएं और अपने गुरुदेव से मानसिक आज्ञा लेकर इस मंत्र का जप शुरू कर दे ! यह जप आपको ढाई घंटे करना है ! माला की कोई आवश्यकता नहीं है ! साधना के दौरान लोभान सुलगती रहे और साधक के वस्त्र शुद्ध होने चाहिए ! कान में इतर का फाहा लगाकर जप करे और अपने शरीर पर भी इतर लगाकर रखे ! दीपक के पास सुगन्धित फूल रखे ! यह क्रिया आपको पूरे 41 दिन तक करनी है ! अंतिम दिन एक नौ गज की हरी चादर, सवा किलो लड्डू , एक मीठा पान , एक सुपारी और इतर का फाहा किसी पीर की मजार पर चढ़ाये ! साधना के दौरान भूमि शयन करे ! 
                                       
  प्रयोग विधि   
जब कोई विशेष कार्य पीर बाबा से करवाना हो तो यह उन्हे यह मंत्र इक्कीस बार पढ़कर फ़रियाद करे और अपना कार्य बोल दे ! 
कार्य पूर्ण होने पर पीर बाबा जी को ऊपर लिखा चढ़ावा चढ़ाकर शुकराना जरुर करे  !   

नोट - साधना खत्म होते होते किसी ना किसी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में पीर बाबा आपको दर्शन अवश्य देंगे !

जय सदगुरुदेव ...!! 

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