
बरस बारह का जबान, हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान (हनुमान) हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।
* इस मंत्र की प्रतिदिन एक माला जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। हनुमान मंदिर में जाकर साधक गरबत्ती जलाएं। इक्कीसवें दिन उसी मंदिर में एक नारियल व लाल कपड़े की एक ध्वजा चढ़ाएं। जप के बीच होने वाले अलौकिक चमत्कारों का अनुभव करके घबराना नहीं चाहिए। यह मंत्र भूत-प्रेत, डाकिनी-शाकिनी, नजर, टपकार व शरीर की रक्षा के लिए अत्यंत सफल है।
(शुद्धता, पवित्रता और एकाग्रता का विशेष ध्यान रखा जाए।)
3 comments
jai mata di guru ji
आपने २ स्थान पर (हनुमान ) लिखा है।क्या वह भी बोलना है ?प्लीज़ रिप्लाई krna सर
बज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला है या बज्र की कोठड़ी बज्र का ताला सही कोनसा है
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