यह मन्त्र स्वयं सिद्ध है ! इसका कोई विशेष विधि विधान करने की आवश्यकता नहीं है !
।। मन्त्र ।।
सत् नमो आदेश गुरूजी को आदेश ओम गुरूजी ओम
सत्य की धरती सत्य का आकाश सत्य की माला सत्य का जाप
सत्य का आसन सत्य का पुत् आसन बैठे गुरु योगी अवधूत
आसन ब्रह्मा इन्द्र आसन,आसन बैठे गुरु गोविन्द
आसन बैठे जपिये जाप कोटि जन्म के उत्रंते पाप,आसन बैठे
सिंघासन बैठे, बैठे गिरी की छाया पांच तत्ले आसन पर बैठे
सत् गुरु ने सत्य का शब्द सुनाया बीना मन्त्र आसन लगाये
सो योगी नरक जाये मन्त्र पढ़ आसन लगाये सो योगी अमरापुर जाये
श्री नाथजी गुरूजी को आदेश आदेश.......
।। विधान ।।
आसन के सामने वज्रासन में बैठकर दोनों हाथ उपर उठाकर मन्त्र पढ़े उसके बाद पहेले दाहिना पैर आसन पर रखकर आसन पर बैठे और जो भी अनुष्ठान जप पूजा शुरू करनी हो करे !
जय सदगुरुदेव !
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