क्या बार-बार आपके प्रेम सम्बन्ध ख़राब हो जाते है?अगर आप इन समस्याओं से पीड़ित है तो
कीजिये ज्योतिष के यह उपाय और पाएं एक अच्छा प्रियतम!
प्रेम का सम्बन्ध शुक्र ग्रह से होता है!ज्योतिष ने शुक्र को चौथे और सातवें घर का कारक माना है!
प्रेम का सम्बन्ध शुक्र ग्रह से होता है!ज्योतिष ने शुक्र को चौथे और सातवें घर का कारक माना है!
शुक्र कन्या राशि में नीच और मीन राशि में उच्च का होता है,यदि आप प्रेम संबंधों में बार बार असफल
हो रहे है तो निश्चित तौर पर आपका शुक्र ख़राब है!शुक्र ग्रह भोग का कारक है!
यदि किसी तरह शुक्र की स्थापना पांचवे,छठे,आठवे और बारवें घर में कर दी जाये तो आपको प्रेम
सम्बन्धी सुख मिलना संभव है क्योंकि
१.पंचम भाव प्रेम संबंधों का होता है और प्रेम के कारक शुक्र पंचम भाव में बैठ गए!
२.छठे भाव में बैठ कर शुक्र दवादश भाव को देखता है दवादश भाव रति सुख का होता है!
३.अष्टम भाव गुप्त अंगो और गुप्त संबंधों का होता है!
४.दवादश भाव में शुक्र रति के कारक होकर रति स्थान में ही बैठ जाते है!
उपाय:-
१.यदि आप शुक्र को पांचवें भाव में पहुचाना चाहते है तो पांचवें भाव का सम्बन्ध उच्च शिक्षा से होता है!
यदि पचास ग्राम मिश्री को लगातार ४३ दिन किसी कॉलेज या उच्च शिक्षा संस्थान में फेंक दिया जाये
तो शुक्र पंचम भाव में चले जाते है!
२.यदि आप शुक्र को छठे भाव में पहुचाना चाहते है तो शुक्र पोटली बनाकर उस पोटली को कुएं में डाल
दे ऐसा लगातार ४३ दिन करे शुक्र छठे भाव में पहुच जायेगा!
३.अष्टम भाव का सम्बन्ध शमशान घाट से होता है यदि ४३ दिन लगातार शुक्र पोटली बनाकर शमशान
घाट में फेंक दी जाये तो शुक्र अष्टम स्थान में पहुँच जाते है!
४.बारवें भाव का सम्बन्ध मकान की छत से होता है जन्मकुंडली में बारवें भाव में जो ग्रह बैठा होता है
उस ग्रह से सम्बंधित सामान छत पर पड़ा होता है यदि थोडा सा पनीर छोटे छोटे टुकड़े कर के ४३ दिन
तक लगातार छत पर डाल दिया जाये तो शुक्र बारवें भाव में पहुँच जाते है!
कुछ विशेष तथ्य :-
१.जिस भाव में आप शुक्र को भेज रहे है वो भाव खाली होना चाहिए वरना उस स्थान पर बैठे हुए ग्रह के साथ
शुक्र का मिश्रित फल मिलेगा!
२.छठे भाव और अष्टम भाव में शुक्र पहुंचाते हुए इस बात का ख्याल रखें कि लगन खाली होना चाहिए नहीं तो
शुक्र के साथ लगन में बैठे हुए ग्रह का ६ और ८ का योग बन जायेगा!
शुक्र पोटली :-
एक सफ़ेद कपडा ले छोटा सा उसमे सफ़ेद चन्दन डाले थोडा सा,सात सफ़ेद फूल डाले,सात दाने मिश्री के डालें
एक सफ़ेद कागज़ पर शुक्र यन्त्र केसर से लिखकर रख दे और सफ़ेद कपडे को रेशमी सफ़ेद धागे से अच्छी तरह
बांध दे!
गौ माता को शुक्र कि कारक माना जाता है,गौ माता की पूजा करने से भी शुक्र अच्छा होता है!
दही से नहाने से भी शुक्र अच्छा होता है!
हररोज नाभि जुबान और मस्तक पर सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाने से भी शुक्र ग्रह अच्छा होता है!
जय सदगुरुदेव
3 comments
Mere 5th Bhavna me Rahu shani h koi samadhan bataye
गुरु जी चरण स्पर्श मेरी कुण्डली कन्या लगन की है सूर्य प्रथम भाव मे स्थित लगनेश हैं और 12वें भाव मे स्थिति बुद्ध और शुक्र को अस्त किये हुये है 12वें मे शुक्र अस्त है और लगन खाली नही है इसलिए शुक्र को 6वे और 8वें भाव मे नही भेज सकता और पंचम भाव मे राहु है इसलिए वहाँ भी नही भेज सकते मुझे अस्त शुक्र और बुद्ध को उदय करने और इनके शुभ फल प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए।
Dear Sir, The remedy provided is very nice, but is it according to planet position in traditional(Vedic) kundli or the Red Book kundli. The same planets are situated in different boxes in the traditional kundli compare to Red Book kundli.
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